चंद्रप्रभू जिनराज का,
ललित कूट है जेह ।
मन वच तन कर पूजहूूँ,
शिखर सम्मेद यजेह ।।
ओं ह्रीं श्री चंद्रप्रभू जिनेंद्रादी मुनी ९८४ अरब ७२ करोड़ ८० लाख ८४ हजार ५५५ मुनी इस कूट से सिद्ध भये तिनके चरणारबिंद को मेरा मन वचन काय से बारंबार नमस्कार हो ।